जीवन शतरंज के खेल की तरह है ,और यह खेल आप ईश्वर के साथ खेल रहे हैं ...
आपकी हर चाल के बाद ,
अगली चाल वो चलता है ,
आपकी चाल आपकी "पसंद" कहलाती है ,
और उसकी चाल "परिणाम" कहलाती है ....

Create a poster for this message
Visits: 192
Download Our Android App