नये साल में गुलाब ढेरों खिलाने है, नये साल में गुलाब ढेरों खिलाने है, रोते हुए दोस्त सारे मनाने है, बन्द आँखों में जो चूब रहे है रेत की तरह, बन्द आँखों में जो चूब रहे है रेत की तरह, पलको को खोलके आशुं सारे गिराने है.

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