दिल को मिला वो दर्द जिसकी दवा नहीं , चुप हों ऐसे मुझे उससे कुछ गीला (शिकाएत )भी नहीं , और कितने अश्क बहाओं याद में उसकी , उसको मेरी किस्मत में खुदा ने लिखा ही नहीं |

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