देखो चिरगे -शाम जली रात हो गई फिर मैकदे मैं नूर की बरसात हो गई बे नाम सी ख़लिश है नज़र बदहवास है कोई सबब नहीं है मगर दिल उदास है कितनी अजब सुरते हालत हो गई फिर मैकदे मैं नूर की बरसात हो गई

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