याद जब आती है तुम्हारी तो सिहर जाता हूँ मैं, देख कर साया तुम्हारा अब तो डर जाता हूँ मैं, अब न पाने की तमन्ना है न है खोने का डर, जाने क्यूँ अपनी ही चाहत से मुकर जाता हूँ मैं ।

Create a poster for this message
Visits: 143
Download Our Android App