“आँखों में पानी रखो, होंठो पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो,
राह के पत्थर से बढ़ के कुछ नही है मंजिले,
रास्ते आवाज देते है, सफ़र जारी रखो।”

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