ख़ुशियाँ तो उँगलियों पे कई बार गिन चुके पर ग़म हैं बेशुमार, ग़मों का हिसाब क्या
बस्तियों में दश्त का मंज़र मिला जो मिला इस शहर में बेघर मिला
न जाने क्या हुआ इन बस्तियों को हर इक मंज़र निगाहों पर गिराँ [भारी] है
ख़बर न थी उसे इन खोखली ज़मीनों की वह सिर्फ़ राह को हमवार देखकर ख़ुश था
सुना है वह भी भटकता रहा हमारी तरह मिला न दूर तलक कोई रास्ता उसको
राह की मोड़ में लगता है अकेला कोई कोई तुमसा न हो नज़दीक तो जाकर देखो
लबों पे घर से तबस्सुम सजा के निकलूँगा मैं आज फिर कोई चेहरा लगा के निकलूँगा
पढ़े जो गौर से तारीख के वरक हमने, आंधिओं में भी जलते हुए चराग मिले।
गुरूर हुस्न पे इतना ही कर बुरा न लगे तू सिर्फ़ हुस्न की देवी लगे खुदा न लगे
कोई मंज़िल न रास्ता महफूज़ सबको रक्खे मेरा ख़ुदा महफूज़
किसको बताएं कब से हम ज़िन्दगी के राही फूलों की आरज़ू में काँटों पे चल रहे हैं
तुमसे टूटेगा न इस शब् की सियाही का तिलिस्म मैंने पहले ही कहा था कि जला लो मुझको
ये घनी छाँव भी साज़िश है किसी दुश्मन की मुझे मालूम था तुम लोग ठहर जाओगे
मेरे यार ज़रा गौर से देख में हारा तो नहीं?? मेरा सर भी तो पड़ा है मेरी दस्तार के साथ…
जो मिल गया उसे तक़दीर का लिखा कहिये जो खो गया उसे क़िस्मत का फ़ैसला कहिये.!!
”जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!”
”यूँ प्यार नही छुपता पलको को झुकाने से, आँखो के लिफाफो मे तहरीर चमकती है..”
इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाए क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ तू भी हीरे से बन गया पत्थर हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाए
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर, रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…
जाने कितनी उड़ान बाक़ी है इस परिन्दे में जान बाक़ी है
हमसे क्या पूछते हो हमको किधर जाना है हम तो ख़ुशबू हैं बहरहाल बिखर जाना है
गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया!इस उलझन ने चैन से जीने न दिया! थक के जब सितारों से पनाह ली!नींद आई, तो तेरी याद ने सोने न दिया!
उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको! खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको! हम तो कुछ देने के काबिल नहीं है! देने वाला हज़ार खुशिया दे आपको!
बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो! मंजिल को पाने की कसक रहने दो! आप चाहे रहो नज़रों से दूर! पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो!
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है! कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है! पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से,तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है
आँखों में तेरी डूब जाने को दिल चाहता है! इश्क में तेरे बर्बाद होने को दिल चाहता है! कोई संभाले मुझे, बहक रहे है मेरे कदम! वफ़ा में तेरी मर जाने को दिल चाहता है!
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए! कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए! आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था! आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है? जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है? कितने खायें है धोखे इन राहों में! फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?
कभी किसी से प्यार मत करना! हो जाये तो इंकार मत करना! चल सको तो चलना उस राह पर! वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता! ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता! दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की! उस के बिना जिया नहीं जा सकता!
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम! बस यही एक वादा निभा पायेगें हम! मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन! तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम!
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है! दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है! कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है! कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
दिल को था आपका बेसबरी से इंतजार! पलके भी थी आपकी एक झलक को बेकरार! आपके आने से आयी है कुछ ऐसी बहार!कि दिल बस मांगे आपके लिये खुशियाँ बेशुमार!
चहरे पर हंसी छा जाती है! आँखों में सुरूर आ जाता है! जब तुम मुझे अपना कहते हो, अपने पर गुरुर आ जाता है!
अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता! तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता! यह तो करिश्मा है मोहब्बत का वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता!
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम! यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा! मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी! कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा!
जब तक तुम्हें न देखूं! दिल को करार नहीं आता! अगर किसी गैर के साथ देखूं! तो फिर सहा नहीं जाता!
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं! गम – ऐ – जुदाई से सब डरते हैं हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत! हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!
उदास नहीं होना, क्योंकि मैं साथ हूँ! सामने न सही पर आस-पास हूँ! पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे! मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी! चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी! चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर!दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!
प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता!♥️ ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता! दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की! उसके बिना जिया नहीं जा सकता!
माना आज उन्हें हमारा कोई ख़याल नहीं; जवाब देने को हम राज़ी है, पर कोई सवाल नहीं! पूछो उनके दिल से क्या हम उनके यार नहीं; क्या हमसे मिलने को वो बेकरार नहीं!
इश्क के रिश्ते कितने अजीब होते है? दूर रहकर भी कितने करीब होते है; मेरी बर्बादी का गम न करो; ये तो अपने अपने नसीब होते हैं!
वो खुद पर गरूर करते है,तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं! जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते!
गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया! इस उलझन ने चैन से जीने न दिया! थक के जब सितारों से पनाह ली! नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!
मेरे इश्क ने सीख ली है, अब वक़्त की तकसीम…वो मुझे बहुत कम याद आता है; सिर्फ इतना – दिल की हर एक धड़कन के साथ!
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही; वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही; ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो; सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही!
हमसे बदल गये वो निगाहें तो क्या हुआ जिंदा हैं कितने लोग मोहब्बत किये बगैर!
ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में; मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी;मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा; और मेरी जान पैदल होगी!
हम रूठे तो किसके भरोसे,कौन आएगा हमें मनाने के लिए; हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको; पर दिल कहाँ से लाये, आप से रूठ जाने के लिए!