मंजिले उनको मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखो से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है
निकाल दे अपने दिल से हर डर को, नजारे मिलेंगे नए फिर तेरी नजर को, दामन भर जाएगा सितारों से तेरा ये दुनिया देखेगी तब तेरे उभरते हुनर को
हर आरजू हमेशा अधूरी नहीं होती, सच्चे रिश्तों में कभी दूरी नहीं होती, और जिस दिल में सोनम जैसी महबूबा बस्ती हो, उसके लिये तो धड़कन भी जरूरी नही होती।
पानी की बूंद कही टिकती नहीं, ईमानदारी मुझे कही दिखती नहीं खरीददारो की मंडी में खड़ा है सिधु, जितनी मर्जी बोली लगा कुछ चीजे ऐसी है जो बिकती नहीं
गुलाबो की खुशबु दीवारे रोक नहीं सकती, हवाओ का बहाव मीनारे रोक नहीं सकती, बुलंद हौसले ही जीवन की हकीकत है, फौलादो की तकदीर तब्दिरे रोक नहीं सकती.
समुद्र शांत हो तो कोई भी नाव चला लेता हैं, असली मज़ा तो तुफानों से कस्ती निकालने में आता हैं।
मोहब्बत से, इनायत से, वफ़ा से चोट लगती है ! बिखरता फूल हूँ, मुझको हवा से चोट लगती है ! मेरी आँखों में आँसू की तरह इक रात आ जाओ ! तकल्लुफ़ से, बनावट से, अदा से चोट लगती है !!
कांटो में रहकर भी फूलो की तरह महकना सीखो कीचड़ में रहकर भी दोस्तों कमल की तरह खिलना सीखो जो परिस्थितियों से घबरा जाये वो लौह पुरुष हो नहीं सकता राख में रहकर भी अंगारों की तरह दहकना सीखो
सिकंदर हालात के आगे नहीं झुकता तारा टूट भी जाये जमीन पर आकर नहीं गिरता गिरते है हजारो दरिया समंदर में पर कोई समंदर किसी दरिया में नहीं गिरता
सूरज हूँ जिंदगी की चमक छोड़ जाऊँगा, फिर लौट आने की खनक छोड़ जाऊँगा मै सबकी आँखों से आंसू समेट कर, सबके दिलो में अपनी झलक छोड़ जाऊँगा
आप आये जैसे बहार आ गई, सावन की रिमझिम जैसे फुन्हार आ गई, मेरी बात पर अगर हंस दिए हुस्न-ए-आला मानो हंसो की एक कतार आ गई।
ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है, मोहब्बत के लिए, फिर एक दूसरे से रूठकर वक़्त गँवाने की जरूरत क्या है।
सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना, कहीं कोई थक ना जाए तुम्हें एहसास दिलाते-दिलाते।
इतनी कामयाबी हासिल करूंगा की तुझे माफी मांगने के लिये भी लाईन मेँ खडा होना पडेगा…
हम तो आइना है दाग दिखाएंगे चेहरे के,जिसे बुरा लगे वो सामने से हट जाए..
शायद यही ज़िंदगी का इम्तिहान होता है, हर एक शख्स किसी का गुलाम होता है, कोई ढूढ़ता है ज़िंदगी भर मंज़िलों को, कोई पाकर मंज़िलों को भी बेमुकाम होता है।
मोहब्बत को जी निभाते है उनको मेरे सलाम और जो छोड़ जाते है बिच रस्ते में उनको मेरा पैगाम वादे-ए-वफ़ा करो तो फिर फना करो वरना खुदा लिए किसी की ज़िन्दगी को बर्बाद मत करो
ये ज़िन्दगी दो दिन की है एक दिन तुम्हारे हक में और दुसरे दिन तुम्हारे मुखालिफ में जिस दिन हक में हो उस दिन गुरुर मत करना और जिस दिन तुम्हारे मुखालिफ हो उस दिन सब्र करना
कभी किसी के सामने इतना मत झुको के वो आप को तोड़ दे और कभी किसी के सामने इतना मत आकड़ो के खुद टूट जाओ
बदल जाती है ज़िन्दगी की सच्चाई ऊस वक़्त जब कोई तुम्हारा तुम्हारे सामने तुम्हारा नहीं होता
लोगो से सुना है मोहब्बत आँखों से शुरू होती है वो लोग भी दिल तोड़ जाते है जो पल्खें तक नहीं उठाते
सब को प्यारी है ज़िन्दगी लेकिन तुम मुझे ज़िन्दगी से भी प्यारे लगते हो
मैंने ज़िन्दगी में एक ही बात सीखी है के इंसान को कोई चीज़ हरा नहीं सकती जब तक वो खुद हार ना मान ले
ज़िन्दगी में जो चाहे हासिल करलो बस इतना ख्याल रखना के आपकी मंजिल का रास्ता कभी लोगो के दिलों को तोड़ता हुवा न गुज़रे
ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तक़दीर भी, फर्क तो सिर्फ रंगों का है। मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर, और अनजाने रंगों से बने तो तक़दीर।
आँखों को अश्क का पता न चलता, दिल को दर्द का एहसास न होता, कितना हसीन होता जिंदगी का सफ़र, अगर मिलकर कभी बिछड़ना न होता।
ज़िन्दगी हसीं है ज़िन्दगी से प्यार करो, है रात तो सुबह का इंतज़ार करो, वो पल भी आयेगा जिसका इंतज़ार है आपको, रब पर भरोसा और ज़िन्दगी पर ऐतबार रखो।
लम्हों की खुली किताब हैं ज़िन्दगी, ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं ज़िन्दगी, कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी, इन्ही सवालों के जवाब हैं ज़िन्दगी।
दर्द कैसा भी हो कभी आँख नम ना करो, रात काली सही लेकिन ग़म ना करो, एक सितारा बन जगमगाते रहो, ज़िन्दगी में यूँ ही सदा मुस्कुराते रहो।
चेहरे की हँसी से ग़म को भुला दो, कम बोलो पर सब कुछ बता दो, खुद ना रूठो पर सब को हँसा दो, यही राज़ है ज़िन्दगी का जियो और जीना सीखा दो।
फूल बनके खुशबू फैलना ही है ज़िंदगी, हर दर्द को हँसी में छुपा लेना ही है ज़िन्दगी, ज़िंदगी में जीत मिली तो क्या हुआ, हार कर भी ख़ुशी जताना ही है ज़िंदगी।
जिंदगी के राज़ को राज़ रहने दो, अगर है कोई ऐतराज़ तो रहने दो, पर जब दिल करे हमें याद करने को, तो उसे ये मत कहना के आज रहने दो।
बहुत कुछ सिखा जाती है ज़िंदगी, हंसा के रुला जाती हैं ज़िंदगी, जी सको जितना उतना जी लो दोस्तो, क्योकि बहुत कुछ बाकी रह जाता है, और ख़त्म हो जाती हैं ज़िंदगी।
रूठी सी ज़िन्दगी को मनाना तो आता है, रूठे हुए लोगों को हँसाना तो आता है, क्या हुआ जो न बस सके किसी के दिल में, लोगों को अपने दिल में बसाना तो आता है।
जाने कौन सा तराना है ये ज़िन्दगी, बिना बात का फ़साना है ये ज़िन्दगी, एक अरसा गुज़र गया पत्तों के साथ गिरे हुए, पर आज भी उम्मीद का खज़ाना है ज़िन्दगी।
सफ़र ज़िन्दगी का बहुत ही हसीन है, सभी को किसी न किसी की तालाश है, किसी के पास मंज़िल है तो राह नहीं, और किसी के पास राह है तो मंज़िल नहीं।
है अजीब शहर की ज़िन्दगी न सफ़र रहा न कयाम है, कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बाद मिजाज सी शाम है।
आहिस्ता चल ऐ ज़िन्दगी कुछ क़र्ज़ चुकाने बाकी हैं, कुछ के दर्द मिटाने बाकी हैं कुछ फ़र्ज़ निभाने बाकी हैं।
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर, मैंने दर्द की अपने नुमाइश न की, जब जहाँ जो मिला अपना लिया, जो न मिला उसकी ख्वाइश न की।
ज़िन्दगी से बस यही गिला है, ख़ुशी के बाद क्यों ये गम मिला है, हमने तो उनसे वफ़ा की थी, पर नहीं जानते थे कि बेवफाई ही वफ़ा का सिला है।
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला, हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला, अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी, हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला!
छोटे से दिल में गम बहुत है, जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं, मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें, कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.
मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकदर की बात है !! हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात है….!!
सच बिकता है झूठ बिकता है बिकती है हर कहानी, तीनों लोक में फैला है फिर भी बिकता है बोतल में पानी।
ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है, जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये, ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे, सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये !
जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं, आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं, ज़िंदगी में गम नहीं फिर इसमें क्या मजा, सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िंदगी कटती नहीं।
अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट, हो गया है ज़िन्दगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।
अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी – जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं, और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं !!
राह संघर्ष की जो चलता है, वो ही संसार को बदलता है। जिसने रातों से जंग जीती है, सूर्य बनकर वही निकलता है।
हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली, कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली, सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ, वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।