जो पिता के पैरों को छूता है, वो कभी गरीब नहीं होता।
जो मां के पैरों को छूता है,वो कभी बदनसीब नही होता।
जो भाई के पैराें को छूता है, वो कभी गमगीन नही होता।
जो बहन के पैरों को छूता है, वो कभी चरित्रहीन नहीं होता।
जो गुरू के पैरों को छूता है, उस जैसा कोई खुशनसीब नहीं होता.......
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