"परिवार" से बड़ा कोई "धन" नहीं!
"पिता" से बड़ा कोई "सलाहकार" नहीं!
"माँ" की छाव से बड़ी कोई "दुनिया" नहीं!
"भाई" से अच्छा कोई "भागीदार" नहीं!
"बहन" से बड़ा कोई "शुभचिंतक" नहीं!
"पत्नी" से बड़ा कोई "दोस्त" नहीं
इसलिए "परिवार" के बिना "जीवन" नहीं!!!
Create a poster for this message
Visits: 303