आँखों में आंसुओं की लकीर बन गई जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई.
हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गई.!!

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