“अब क्या फर्क पड़ता है, हमारे पास कितने लाखों, कितने करोड़ों घर, गाड़िया हैं, खाना हमे  बस दो ही रोटी है, जीना हमे बस एक ही जिंदगी है, फर्क इस बात का पड़ता है, कितने पल हमने खुशियों के साथ बिताये, कितने लोग हमारी वजह से ख़ुशी से जी पाए.

Create a poster for this message
Visits: 287
Download Our Android App