“कैसे हो पायेगी अच्छे इंसान की पहचान दोनो ही नकली हो गए है आँसू और मुस्कान संबंध उसी आत्मा से, जुड़ता है जिनका हमसे, …पिछले जन्मों का कोई रिश्ता’ होता है’ वरना दुनिया के इस भीड़ में,, कौन किसको जानता है..”.
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