खिलखिलाती सुबह, ताजगी से भरा सबेरा है,
फूलों और बहारों ने आपके लिए रंग बिखेरा है
सुबह कह रही है जग जाओ आपकी मुस्कुराहट के बिना सब अधूरा है!
कैसे मान लूँ कि, तू पल-पल में सामिल नहीं, कैसे मान लूँ कि,
तू हर चीज में हाजीर नही, कैसे मान लूँ कि,
तूझे मेरी परवाह नहीं, कैसे मान लूँ कि, तू दूर है पास नहीं…

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