आज असमान के तारों ने मुझे पूछ लिया; क्या तुम्हें अब भी इंतज़ार है उसके लौट आने का! मैंने मुस्कुराकर कहा; तुम लौट आने की बात करते हो; मुझे तो अब भी यकीन नहीं उसके जाने का!

Create a poster for this message
Visits: 157
Download Our Android App