तुझे भूलना भी चाहूँ तो भुलाऊँ कैसे, तेरी याद से अपना दामन छुड़ाऊ तो कैसे, मेरी हर खुसी हर मुस्कान मोहताज़ है तेरी, मगर तुझको इसका एहसास दिलाऊ कैसे।

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