कांटो में रहकर भी फूलो की तरह महकना सीखो कीचड़ में रहकर भी दोस्तों कमल की तरह खिलना सीखो जो परिस्थितियों से घबरा जाये वो लौह पुरुष हो नहीं सकता राख में रहकर भी अंगारों की तरह दहकना सीखो

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