ये ज़िन्दगी दो दिन की है एक दिन तुम्हारे हक में और दुसरे दिन तुम्हारे मुखालिफ में जिस दिन हक में हो उस दिन गुरुर मत करना और जिस दिन तुम्हारे मुखालिफ हो उस दिन सब्र करना

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