तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया, कितने रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ, कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है, कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।

Create a poster for this message
Visits: 124
Download Our Android App