दिल को उसकी हसरत से खफ्फा कैसे करू, अपने रब को भूल जाने की ख़ाता कैसे करू, लहू बनकर राग राग मे बस गया है वो लहू को इस जिस्म से ज़ुदा कैसे करू.

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