मिटा सके जो दर्द तेरा वो शब्द कहाँ से लाऊँ… चूका सकूं एहसान तेरा वो प्राण कहाँ से लाऊँ… खेद हुआ है आज मुझे लेख से क्या होने वाला… लिख सकूं मैं भाग्य तेरा वो हाथ कहाँ से लाऊँ… देखा जो हालत ये तेरा छलनी हुआ कलेजा मेरा…

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