जिस शाम बरसते है तेरी याद के बादल, उस वक्त कोई भी हिजर का तारा नहीं होता || यु ही मेरे पहलु मैं चले आते हैं अक्सर, वो दर्द जिन्हे मैने कभी पुकारा नहीं होता ||

Create a poster for this message
Visits: 207
Download Our Android App