रात क्या ज़िंदगी गुज़री तेरे बगैर जाग कर उम्र गुज़ारी तेरे बगैर फूलों पर भी कांटो को महसूस किया है हमने इस तरा ह हयात गुज़ारी तेरे बगैर

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