तुमसे कितनी मोहब्बत है ये बता नहीं सकती, अपनी ज़िन्दगी में तुम्हारी एहमियत जता नहीं सकती, मेरी ज़िन्दगी का हर लम्हा तुम्ही से शुरू होता है, तुमसे दूर रह के एक पल भी अकेले बिता नहीं सकती, मुमकिन है मै खुद को भूल जाऊं… पर तुझे भूलने की खता मै कर नहीं सकती, तुम मेरे दिल में ही नहीं मेर रोम रोम में बसे हो, तुमसे बिछड़ के मै ये ज़िन्दगी जी नहीं सकती..|

Create a poster for this message
Visits: 170
Download Our Android App