मुझको छूके मुझको छूके पिघल रहे हो तुम , मेरे हमराह जल रहे हो तुम। चाँदनी छन रही है बादल से , जैसे कपड़े बदल रहे हो तुम। पायलें बज रही हैं रह रह कर , ये हवा है कि चल रहे हो तुम। नींद भी टूटने से डरती है , मेरे ख़्वाबों में ढल रहे हो तुम।

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