आदत बदल दू कैसे तेरे इंतेज़ार की, ये बात अब नही है मेरे इकतियार की, देखा भी नही तुझ को फिर भी याद करते है, बस ऐसी ही खुश्बू है दिल मे तेरे प्यार की.

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