खोटा सिक्का जो समझते थे मुझे आज मैं उनका ध्यान तोड़ आया हूँ, जिंदगी की राहों में सफ़र लम्बा था मेरा इसलिए क़दमों के निशान छोड़ आया हूँ।

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