रहा भरोसा तो हर मुशीबत का हल निकलेगा भूमि बंजर निकली तो क्या वहीँ से जल निकलेगा न हो उदास न घबरा कठिनाईयों से मेरे साथी इन्ही रातों के दामन से सुनहरा कल भी निकलेगा

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