आँख दुनिया की हर एक चीज देखती है,
मगर जब आँख के अन्दर कुछ चला जाए तो उसे नहीं देख पाती
बिल्कुल इसी तरह इंसान दूसरो कि गलती तो देखता है
पर अपनी गलती उसे नजर नही आती है।```
"निंदा" से घबराकर अपने
"लक्ष्य" को ना छोड़े. क्योंकि
"लक्ष्य" मिलते ही निंदा करने वालों की "राय" बदल जाती है...

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