आज और एक सुबह मेरी झोली में दाल तो दी है,
मेरे मालिक !
अब हर लम्हें को तेरी ही मुताबिक गुजरू,
ये काबिलियत भी मुझे दे दे ।
शुभ प्रभात !

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