उठाना ‎खुद‬ ही ‪पड़ता‬ है थका ‎टूटा‬ बदन ‎अपना‬,जब‬ तक ‎साँसें‬ चलती है कंधा‬ कोई नहीं देता

Description: dard e dil hindi shayri